कौन-सा धर्म सच्चा है?

by Ester yusufu | 24 सितम्बर 2019 08:46 पूर्वाह्न09

अगर आप यह सवाल पूछ रहे हैं—“कौन-सा धर्म सच्चा है?”—तो यह अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण है। इसका मतलब है कि आप अंध परंपराओं का पीछा नहीं करना चाहते, बल्कि परमेश्वर की सच्चाई को जानना चाहते हैं। यही खोज आपको सही दिशा में ले जाएगी।

आज दुनिया में 4,300 से भी ज़्यादा धर्म हैं। इनके अलावा हज़ारों संप्रदाय और छोटे-छोटे समूह भी हैं। हर कोई दावा करता है कि वही परमेश्वर तक पहुँचने का सही रास्ता है। ऐसे में उलझन होना स्वाभाविक है।

अब आप यह लेख एक मसीही स्रोत से पढ़ रहे हैं। अगर मैं सीधे कह दूँ, “मसीही धर्म ही सच्चा है,” तो शायद लगे कि मैं आपको अपनी मान्यता में शामिल करने की कोशिश कर रहा हूँ। और यह सोच भी गलत नहीं होगी, क्योंकि हर धर्म यही दावा करता है। लेकिन केवल शब्दों से सच्चाई साबित नहीं होती।

तो फिर असली धर्म की पहचान कैसे हो?


सच्चा परमेश्वर स्वयं को प्रकट करता है

बाइबल सिखाती है कि जीवित परमेश्वर मौन नहीं रहता। वह उन लोगों से छिपता नहीं है जो पूरे मन से उसे ढूँढते हैं। बल्कि वह खुद आमंत्रित करता है:

“तुम मुझे ढूँढ़ोगे और पाओगे भी; क्योंकि तुम अपने सम्पूर्ण मन से मेरे खोजी होगे।” — यिर्मयाह 29:13

यानी परमेश्वर सवालों से नहीं डरता। वह इंसानी परंपराओं के पीछे नहीं छिपा है। वह चाहता है कि लोग उसे सच्चे मन से जानें।

परमेश्वर ने अपने पुत्र, यीशु मसीह के द्वारा खुद को पूरी तरह प्रकट किया है। यीशु ने कहा:

“मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूँ। बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुँच सकता।” — यूहन्ना 14:6

यीशु ने खुद को सिर्फ़ एक नबी या गुरु नहीं कहा—बल्कि यह दावा किया कि वे ही परमेश्वर तक पहुँचने का एकमात्र मार्ग हैं। उन्होंने अपने जीवन से इसे साबित किया—निर्दोष जीवन जीकर, हमारे पापों के लिए क्रूस पर मरकर, और तीसरे दिन मृतकों में से जी उठकर। उनका पुनरुत्थान ही उन्हें हर दूसरे धार्मिक नेता से अलग करता है।

“उद्धार किसी और के द्वारा नहीं हो सकता; क्योंकि आकाश के नीचे मनुष्यों में और कोई दूसरा नाम नहीं दिया गया है, जिस के द्वारा हमें उद्धार मिल सके।” — प्रेरितों के काम 4:12


अब आपको क्या करना चाहिए?

धर्मों और विचारों में उलझे रहने के बजाय, सीधे परमेश्वर के पास जाइए। एकांत में, ईमानदारी से प्रार्थना कीजिए। परंपरा निभाने के लिए नहीं, बल्कि सच्चे मन से। आप कुछ इस तरह कह सकते हैं:

“हे सच्चे परमेश्वर, यदि तू वास्तविक है, तो अपने आप को मुझे प्रकट कर। मुझे दिखा कि तुझे जानने और तेरे पीछे चलने का सच्चा मार्ग क्या है। मैं धर्म नहीं, सत्य चाहता हूँ।”

ऐसी सच्ची प्रार्थना का परमेश्वर उत्तर देता है।

“परमेश्वर घमण्डियों का सामना करता है, पर दीनों को अनुग्रह देता है।” — याकूब 4:6


जब परमेश्वर उत्तर दे—तो मानिए

मैं यह नहीं कह सकता कि परमेश्वर आपको किस तरह उत्तर देगा। लेकिन जब वह देगा—अपने वचन के ज़रिए, किसी व्यक्ति के द्वारा, या आपके हृदय में बोली जाने वाली उसकी आवाज़ के द्वारा—तो आप पहचान लेंगे। परमेश्वर का सत्य शांति, स्पष्टता और जीवन-परिवर्तन लाता है। उस समय पूरे मन से उस सत्य का पालन कीजिए।

“तू अपने सम्पूर्ण मन, और अपनी सम्पूर्ण आत्मा, और अपनी सम्पूर्ण शक्ति से यहोवा अपने परमेश्वर से प्रेम रखना।” — व्यवस्थाविवरण 6:5


निष्कर्ष

सच्चा धर्म इमारतों, परंपराओं या नामों का विषय नहीं है। यह जीवित परमेश्वर के साथ एक सच्चे संबंध का विषय है, जो हमें यीशु मसीह में प्रकट हुआ है।

लेकिन सिर्फ़ मेरी बात पर मत रुकिए। खुद उसे पूरे मन से खोजिए—और जब आप उसे ढूँढेंगे, तो वह आपको सच्चाई दिखा देगा।

आपकी खोज पर प्रभु आपको आशीष दे

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