प्रश्न: इफिसियों 6:24 में जब लिखा है “अविनाशी प्रेम में”, तो उसका क्या अर्थ है?
“हमारे प्रभु यीशु मसीह से अमर प्रेम रखने वाले सब लोगों पर अनुग्रह बना रहे।” (इफिसियों 6:24, ERV-HI)
उत्तर: जब प्रेरित पौलुस ने इफिसियों को अपना पत्र समाप्त किया, तो उसने उनके लिए आशीर्वचन दिया और कहा कि प्रभु की कृपा उन सब पर बनी रहे। लेकिन यह आशीर्वचन सब पर नहीं, बल्कि केवल उन पर था, जो प्रभु यीशु से अविनाशी प्रेम रखते हैं।
इसका अर्थ है ऐसा प्रेम जो कभी कम न हो, जो ठंडा न पड़े और जो कभी समाप्त न हो। यही प्रेम पौलुस 1 कुरिन्थियों 13 में बताता है:
“प्रेम सब कुछ सह लेता है, हर बात पर विश्वास करता है, हर बात की आशा रखता है, हर बात सह लेता है। प्रेम कभी समाप्त नहीं होता।” (1 कुरिन्थियों 13:7–8a, ERV-HI)
यह इस बात को दिखाता है कि हमारा प्रभु यीशु मसीह सदा प्रेम पाने योग्य है हर वस्तु और हर परिस्थिति से बढ़कर। उसने हमसे इतना प्रेम किया कि हमारे लिए स्वर्ग का सब कुछ छोड़ दिया ताकि हमें छुड़ा सके। अपनी करुणा से उसने हमें आत्मिक वरदान दिए और हमें यह सामर्थ भी दी कि हम परमेश्वर की संतान कहलाएँ—यह सब उसके पवित्र आत्मा की शक्ति से है। इसलिए वह हमारे अविनाशी प्रेम के योग्य है।
ध्यान दें: यह पत्र केवल इफिसियों के लिए नहीं, बल्कि हमारे लिए भी है। यदि हम यीशु मसीह से अविनाशी प्रेम करेंगे, तो हम पर और अधिक कृपा बनी रहेगी। न भूख हमें उससे अलग करे, न गरीबी, न नौकरी, न परिवार, न बीमारी या स्वास्थ्य, न सम्पत्ति या कोई भी अन्य बात। हर समय हमारी लालसा मसीह के प्रति एक समान होनी चाहिए—प्रार्थना में स्थिर और परमेश्वर की खोज में निरन्तर। आमीन।
प्रभु यीशु की कृपा हम सब पर बनी रहे।
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