“तब मैंने देखा कि सब परिश्रम और सब कुशल कार्य मनुष्य के पड़ोसी से डाह के कारण उत्पन्न होते हैं। यह भी व्यर्थ है और वायु को पकड़ना है।”
– सभोपदेशक 4:4 (HINDI BSI)
“फिर यह भी परमेश्वर का वरदान है, कि जिस किसी को उसने धन और संपत्ति दी हो, उसको यह सामर्थ्य भी दी हो कि वह उन को खाए और अपने परिश्रम में सुखी और अपने परिश्रम से आनन्द उठाए।”
– सभोपदेशक 5:19 (HINDI BSI)
“कोई मनुष्य अकेला रहता था, उसका न तो पुत्र था और न भाई; तौभी उसके परिश्रम का अन्त न था, और उसकी आंखें धन से नहीं अघाईं, और उसने यह भी नहीं पूछा, कि मैं किस के लिये परिश्रम कर रहा हूं, और अपने प्राण को सुख से क्यों वंचित करता हूं? यह भी व्यर्थ और दु:खदाई काम है।”
– सभोपदेशक 4:8 (HINDI BSI)
।यीशु सच्चा विश्राम देते हैं
“हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा।
मेरा जूआ अपने ऊपर ले लो, और मुझ से सीखो; क्योंकि मैं नम्र और मन में दीन हूं;
और तुम्हारे प्राणों को विश्राम मिलेगा।
क्योंकि मेरा जूआ सहज और मेरा बोझ हल्का है।”
– मत्ती 11:28–30 (HINDI BSI)
“व्योर्थ है कि तुम बहुत भोर को उठो, और देर तक विश्राम न करो, और दुख की रोटी खाओ;
वह तो अपने प्रिय को नींद में ही सब कुछ देता है।”
– भजन संहिता 127:2 (HINDI BSI)
“जो कुछ तेरे हाथ से करने को मिले, उसे अपनी पूरी शक्ति से कर, क्योंकि उस कब्र में जहां तू जाएगा, न कोई काम होगा, न कोई युक्ति, न ज्ञान, और न बुद्धि।”
– सभोपदेशक 9:10 (HINDI BSI)
प्रार्थना है कि प्रभु तुम्हारे हाथों के काम को आशीष दे।
यदि यह संदेश आपके लिए सहायक रहा है, तो कृपया इसे दूसरों के साथ बाँटें।
About the author