वे लोग खरीद-बेच रहे थे, विवाह कर रहे थे और विवाह में दिए जा रहे थे — कलीसिया के लिये एक चिन्ह!प्रभु यीशु ने हमें चेतावनी दी कि जब उसके लौटने का समय निकट होगा, तब लोगों का चाल-चलन नूह और लूत के समय के लोगों के समान होगा।

वे लोग खरीद-बेच रहे थे, विवाह कर रहे थे और विवाह में दिए जा रहे थे — कलीसिया के लिये एक चिन्ह!प्रभु यीशु ने हमें चेतावनी दी कि जब उसके लौटने का समय निकट होगा, तब लोगों का चाल-चलन नूह और लूत के समय के लोगों के समान होगा।

लूका 17:26-30
“जैसा नूह के दिनों में हुआ था, वैसा ही मनुष्य के पुत्र के दिनों में होगा।
वे खाते-पीते थे, विवाह करते थे और विवाह में दिए जाते थे; और जिस दिन नूह जहाज़ में प्रवेश किया, बाढ़ आई और उन सब को नाश कर दिया।
और जैसा लूत के समय में हुआ था, लोग खाते-पीते थे, खरीद-बेच करते थे, पौधे लगाते थे और मकान बनाते थे; पर जिस दिन लूत सदोम से निकला, उस दिन आकाश से आग और गन्धक की वर्षा हुई और सबको नाश कर डाला।
ऐसा ही उस दिन होगा, जिस दिन मनुष्य का पुत्र प्रगट होगा।”

1. जो लोग परमेश्वर को नहीं जानते
नूह के दिनों और सदोम-गमोरा के समय लोग भोग-विलास में डूबे हुए खाते-पीते थे, नशे में रहते थे और परमेश्वर को भूल गए थे। वे अवैध विवाह करते थे (पति/पत्नी को छोड़कर या समलैंगिक संबंधों में पड़कर)। वे गलत तरीक़े से खरीद-बेच करते थे—घूस, धोखाधड़ी और अन्याय से। इसलिए बाढ़ और आग ने सबको नाश कर दिया।

आज भी वही हो रहा है—भ्रष्टाचार सामान्य हो गया है, तलाक और बार-बार विवाह करना आम बात है, शराबखोरी और उन्मादी दावतें हर जगह मिलती हैं। यह सब इस बात का चिन्ह है कि हम अन्तिम दिनों में जी रहे हैं।

2. जो लोग परमेश्वर को जानते हैं (कलीसिया)
प्रश्न उठता है—क्या परमेश्वर को जानने वाले भी इस श्रेणी में आते हैं? उत्तर है—हाँ। परन्तु किस प्रकार?

लूका 14:16-20
“एक व्यक्ति ने बड़ी दावत दी और बहुतों को बुलाया।
जब दावत का समय आया तो उसने अपने दास को भेजा कि बुलाए हुओं से कहे, ‘आओ, क्योंकि सब कुछ तैयार है।’
परन्तु वे सब एक-से बहाने करने लगे।
पहले ने कहा, ‘मैंने एक खेत मोल लिया है और मुझे जाकर उसे देखना है; कृपा कर मुझे क्षमा करना।’
दूसरे ने कहा, ‘मैंने पाँच जोड़ी बैल मोल लिए हैं और उन्हें परखने जा रहा हूँ; कृपा कर मुझे क्षमा करना।’
तीसरे ने कहा, ‘मैंने अभी विवाह किया है, इसलिये नहीं आ सकता।’”

ये लोग बुलाए गए थे—अर्थात वे प्रभु से सम्बन्ध रखते थे। यह उदाहरण मेम्ने के विवाह-भोज (प्रकाशितवाक्य 19:7-9) का है। परन्तु बुलाए हुए ही बहाने बनाने लगे—“मैंने विवाह किया है… मैंने खेत खरीदा है…”। यही तो है जिसे प्रभु ने कहा था कि अन्त समय में लोग विवाह करेंगे, खरीदेंगे-बेचेंगे।

अर्थात् परमेश्वर को न जानने वाले अवैध विवाह करेंगे, गलत व्यापार करेंगे; लेकिन परमेश्वर के लोग भी वैध विवाह, सही खरीद-बिक्री को ही बहाना बनाकर प्रभु से दूर हो जाएँगे।

आज की कलीसिया की स्थिति
आज अधिकतर मसीही व्यस्तताओं के कारण प्रभु के लिये समय नहीं निकालते। काम का बोझ है तो प्रार्थना नहीं; परिवार और विवाह के कारण सेवकाई नहीं; भोज और मेलों में उलझकर संगति नहीं।

लूका 14:24
“मैं तुमसे कहता हूँ कि जिन लोगों को बुलाया गया था, उनमें से कोई भी मेरे भोज का स्वाद नहीं चखेगा।”

परिणाम यह होगा कि अनुग्रह दूसरों को दे दिया जाएगा। जो प्रभु को बार-बार बहाना देते हैं, वे स्वर्ग से वंचित हो जाएँगे और अन्तिम न्याय की आग में पड़ेंगे।

आत्म-परीक्षण
क्या आप खाने-पीने में लिप्त हैं या संयमित?

क्या आपकी वैध व्यस्तताएँ भी प्रभु से दूर करने का बहाना बन रही हैं?

क्या आप गलत व्यापार में हैं, या सही व्यापार भी प्रभु से दूरी का कारण है?

उत्तर आपके और मेरे हाथ में है।

🙏 प्रभु हमारी सहायता करे कि हम बहानेबाज़ न बनें, बल्कि पूरे मन से उसकी सेवा करें।

मरन आथा — प्रभु आ रहा है!

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प्रभु आपको आशीष दे।

 

 

 

 

 

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Neema Joshua editor

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