विनाश से पहले, मसीह पहले भागने का मार्ग दिखाते हैं

विनाश से पहले, मसीह पहले भागने का मार्ग दिखाते हैं

 

येसु मसीह ने यरूशलेम के लोगों को चेतावनी दी, भले ही शहर ने उन्हें ठुकरा दिया और अंततः उन्हें क्रूस पर चढ़ा दिया। उन्होंने केवल आने वाले संकट के बारे में चेतावनी ही नहीं दी, बल्कि उन्हें उसे टालने का मार्ग भी दिखाया। यह उनका अनोखा प्रेम था।

ऐतिहासिक उदाहरण:

लूका 21:20-24 में लिखा है:

“लेकिन जब आप देखें कि यरूशलेम का शहर सेनाओं से घिरा हुआ है, तो समझ जाएँ कि उसका विनाश निकट है।
जो यहूदिया में हैं वे पहाड़ों की ओर भागें, जो शहर के बीचोंबीच हैं वे बाहर निकलें, और जो खेतों में हैं वे शहर में प्रवेश न करें।
क्योंकि उन दिनों को दण्ड का समय कहा गया है, ताकि जो लिखा गया है वह पूरा हो।
वे गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताएँ दयनीय होंगी। देश में बहुत विपत्ति होगी, और इस राष्ट्र पर क्रोध आएगा।
वे तलवार से गिरेंगे, और वे सभी राष्ट्रों में बंदी बनेंगे। और यरूशलेम लोगों द्वारा रौंदा जाएगा, जब तक कि राष्ट्रों का समय पूरा न हो।”

येसु ने स्पष्ट रूप से बताया कि यरूशलेम रौंदा जाएगा और विनाश का सामना करेगा। उन्होंने शहर में रहने वालों को चेताया कि वे तुरंत निकल जाएँ—पहाड़ों में रहने वाले, शहर के बीच में रहने वाले और खेतों में रहने वाले सभी को अपनी जगह छोड़कर सुरक्षित स्थान पर चले जाना चाहिए।

यह भविष्यवाणी ईसा मसीह के पृथ्वी पर जाने के 33 साल बाद पूरी हुई, अर्थात् 70 ईस्वी में। जिन्होंने येसु की चेतावनी पर ध्यान दिया और उसे अपनाया, वे बचे, लेकिन जिन्होंने इसे हल्का लिया, वे विनाश के शिकार हुए।

येसु की चेतावनी का उद्देश्य
यह चेतावनी केवल यरूशलेम के लिए नहीं थी, बल्कि भविष्य में आने वाले अंतिम समय की संकट का एक उदाहरण भी थी। चर्च में दो प्रकार के लोग हैं:

वे जो येसु के शब्द सुनकर पालन करते हैं:

वे प्रभु के द्वारा उद्धार (Rapture) का मार्ग पाते हैं।

वे सतर्क रहते हैं और ईमानदारी से परमेश्वर की सेवा करते हैं।

वे जो चेतावनी को नजरअंदाज करते हैं:

केवल अपनी इच्छाओं और सुख-सुविधाओं में लगे रहते हैं।

अंतिम समय के संकट का सामना करेंगे और उद्धार का अवसर नहीं पाएंगे।

मरकुस 13:32-37 में लिखा है:

“पर उस दिन और उस समय का कोई नहीं जानता, न स्वर्ग के देवदूत, न पुत्र, केवल पिता ही।
देखो, सतर्क रहो, क्योंकि तुम नहीं जानते कि वह समय कब आएगा।
जैसे एक आदमी जिसने घर छोड़ा और नौकरों को काम सौंपा, और द्वारपाल को सतर्क रहने का आदेश दिया।
इसलिए जागो, क्योंकि तुम नहीं जानते कि मालिक किस समय आएगा।”

संदेश का सार
किसी को भी उस दिन और समय का ज्ञान नहीं है, लेकिन संकेत दिखाई देने लगे हैं: बड़े भूकंप, वैश्विक युद्ध की अफवाहें, महामारी जैसे कोरोना। यह हमें चेतावनी देता है कि कटाई का समय आ गया है।

हमें येसु के शब्दों को पकड़ना और उनका पालन करना चाहिए (उपदेश, प्रार्थना और सतर्क जीवन)।

प्रकाशित वाक्य 1:3:

“धन्य वह है जो इस भविष्यवाणी के शब्द पढ़ता और सुनता है, और जो इसमें लिखे शब्दों को संभालता है, क्योंकि समय निकट है।”

महत्वपूर्ण प्रश्न
क्या आप तैयार हैं जब प्रभु अचानक आएँ?

क्या आप उनकी दावत पर जाएंगे, या संकट में फँसेंगे?

भगवान आपको आशीर्वाद दें।

 

 

 

 

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Neema Joshua editor

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