अंधकार के खज़ाने क्या हैं? यशायाह 45:3)

अंधकार के खज़ाने क्या हैं? यशायाह 45:3)


परिचय:
यशायाह 45:3 में परमेश्वर भविष्यद्वक्ता यशायाह के माध्यम से फारस के राजा कूरूस से कहते हैं:

“मैं तुझे अंधकार में छिपे हुए खजाने और गुप्त स्थानों के छिपे हुए धन दूँगा, ताकि तू जान ले कि मैं यहोवा हूँ, जो तुझे तेरे नाम से बुलाता हूँ, और मैं इस्राएल का परमेश्वर हूँ।”
(यशायाह 45:3 – ERV-HI)

यह प्रतिज्ञा मूल रूप से एक मूर्तिपूजक राजा, कूरूस, के लिए थी जिसे परमेश्वर ने बाबुल की बंधुआई से इस्राएल को छुड़ाने के लिए अभिषिक्त किया था। लेकिन जैसे कि पुराने नियम की कई बातें आज भी आत्मिक रूप से लागू होती हैं, वैसे ही यह पद आज विश्वासियों के लिए भी एक सिद्धांत है: परमेश्वर छिपी हुई आशीषों, अवसरों और उन लोगों को उजागर कर सकता है जिन्हें शत्रु ने छिपा लिया है, रोक दिया है या बाँधकर रखा है।


“अंधकार के खज़ाने” का अर्थ क्या है?
बाइबल के अनुसार, “अंधकार के खज़ाने” से तात्पर्य है:

  • ऐसी आत्मिक, शारीरिक या भौतिक संपत्तियाँ जो छिपी हुई हैं।
  • वे आशीषें जिन्हें आत्मिक विरोध के कारण रोका गया है।
  • परमेश्वर की गुप्त बुद्धि और रणनीतियाँ जो突破 (ब्रेकथ्रू) लाती हैं।
  • वह बहाली जो शत्रु ने हमसे चुरा ली थी (योएल 2:25-26 देखें)।

ये केवल भौतिक लाभ नहीं हैं, बल्कि उद्धार, अवसर, संबंध, सेवकाई और आत्मिक समझ जैसी बातें भी शामिल हैं।

यशायाह 45:3 रूपक रूप में दिखाता है कि कैसे परमेश्वर अज्ञात और छिपी हुई बातों को प्रकाश में लाता है—और अक्सर ऐसे मार्गों से जो हम सोच भी नहीं सकते। परमेश्वर ने कूरूस को बाबुल के छिपे हुए खज़ानों तक पहुँच दी, ताकि उसकी प्रभुता प्रकट हो। उसी तरह, परमेश्वर अपने लोगों के लिए छिपी हुई आशीषों को प्रकट कर सकता है।


बाइबल का उदाहरण: घेराव और लूट (2 राजा 7)
2 राजा 6–7 में इस्राएल अरामी सेना द्वारा घेर लिया गया था। अकाल इतना भीषण था कि लोग गधे के सिर और कबूतर की बीट खाने को मजबूर थे (2 राजा 6:25)। नगर पूरी तरह घिरा हुआ था और कोई आपूर्ति नहीं पहुँच रही थी।

परंतु 2 राजा 7 में परमेश्वर ने अद्भुत रीति से हस्तक्षेप किया। उसने अरामी सेना को एक विशाल सेना की आवाज़ सुनाई, जिससे वे डरकर भाग गए और अपने सारे सामान वहीं छोड़ गए:

“क्योंकि यहोवा ने अरामी सेना को रथों, घोड़ों और एक बड़े दल की आवाज़ सुनाई थी। उन्होंने आपस में कहा, ‘देखो, इस्राएल के राजा ने हमारे विरुद्ध हित्तियों और मिस्रियों के राजाओं को किराए पर बुला लिया है।’”
(2 राजा 7:6 – ERV-HI)

चार कोढ़ी उस छोड़ दिए गए शिविर में पहुँचे और लूटपाट शुरू की। अंततः पूरा नगर भुखमरी से बच गया।

यह चमत्कार एक भविष्यवाणीपूर्ण छाया है कि परमेश्वर कैसे हमारे शत्रुओं को वह छोड़ने के लिए बाध्य कर सकता है जो उन्होंने गलत तरीके से पकड़ रखा है—और कैसे परमेश्वर अचानक हमारे पक्ष में परिस्थिति बदल सकता है। जो खज़ाने अंधकार में छिपे थे, वे अचानक परमेश्वर की प्रजा के लिए उपलब्ध हो गए।


आज के विश्वासियों के लिए क्या अर्थ है?
आज किसी विश्वासी के जीवन में अंधकार के खज़ाने इस प्रकार हो सकते हैं:

  • एक बुलाहट या आत्मिक वरदान जो भय या दबाव के नीचे दब गया है।
  • कोई प्रियजन जो पाप या धोखे की जंजीरों में बंधा हुआ है।
  • आर्थिक प्रावधान, चंगाई या बहाली जिसे शत्रु ने रोक रखा है।
  • सेवकाई में फल या जागृति जिसकी प्रतीक्षा लम्बे समय से है।

आत्मिक युद्ध और हमारी भूमिका
जो छिपा हुआ है, उसे पुनः प्राप्त करने के लिए हमें आत्मिक युद्ध करना पड़ता है—शारीरिक हथियारों से नहीं, बल्कि आत्मिक अस्त्रों से:

“क्योंकि हमारे युद्ध के हथियार शारीरिक नहीं हैं, परन्तु परमेश्वर के द्वारा शक्तिशाली हैं, गढ़ों को ढा देने के लिए। हम कल्पनाओं को और हर एक ऊँचे विचार को जो परमेश्वर की पहचान के विरुद्ध उठता है, गिरा देते हैं, और हर एक विचार को बन्दी बनाकर मसीह की आज्ञा के अधीन कर देते हैं।”
(2 कुरिन्थियों 10:4-5 – ERV-HI)

हमें समझना होगा कि कई बार जो आशीषें विलंबित होती हैं, वे आत्मिक विरोध के अधीन होती हैं—जैसे दानिय्येल 10 में हुआ, जहाँ उसकी प्रार्थना को एक दुष्ट आत्मिक प्रधान ने देर करवा दी।


परमेश्वर की संपूर्ण हथियारबंदी (इफिसियों 6:10–18)
हमें इस आत्मिक युद्ध में विजय पाने के लिए परमेश्वर की पूरी हथियारबंदी पहननी है:

  • सत्य का कमरबंद – परमेश्वर के वचन को जानना और उस पर चलना।
  • धर्म की झिलम – मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ सही संबंध में रहना।
  • शांति के सुसमाचार के जूते – सुसमाचार को जीवन में जीना और बाँटना।
  • विश्वास की ढाल – शत्रु के तीरों को बुझाने के लिए परमेश्वर पर विश्वास करना।
  • उद्धार का टोप – उद्धार की सुरक्षा और मन की रक्षा।
  • आत्मा की तलवार – परमेश्वर का वचन, जो अधिकार से बोला जाए।
  • प्रार्थना – वह शक्ति जो सभी हथियारों को सक्रिय करती है।

“परमेश्वर की सारी हथियारबंदी पहन लो, ताकि तुम शैतान की चालों के सामने टिके रह सको।”
(इफिसियों 6:11 – ERV-HI)


छिपे हुए खज़ानों को पाना
परमेश्वर ने अपने लोगों के लिए खज़ाने और आशीषें छिपाकर रखी हैं—इसे छिपाकर रखने के लिए नहीं, बल्कि समय आने पर प्रकट करने के लिए। यह हम पर निर्भर है कि हम उन्हें विश्वास, आज्ञाकारिता, प्रार्थना और धैर्य के साथ प्राप्त करें।

जैसे इस्राएलियों ने अरामी सेना की लूट को प्राप्त किया, वैसे ही हम भी आत्मिक रूप से जो हमारा है, उसे मसीह में ग्रहण करें।

“मैं तुम्हारे उन वर्षों की भरपाई करूंगा जिन्हें टिड्डियों ने खा लिया… तब तुम बहुतायत में खाओगे और तृप्त होओगे, और अपने परमेश्वर यहोवा के नाम की स्तुति करोगे।”
(योएल 2:25-26 – ERV-HI)

आइए हम साहसपूर्वक आगे बढ़ें और उन सब बातों को प्राप्त करें जो परमेश्वर ने हमारे लिए तैयार की हैं—यह जानकर कि जो आज छिपा हुआ है, वह कल प्रकट हो सकता है—उसकी सामर्थ्य और उसकी महिमा के लिए।

मरानाथा – हमारा प्रभु आने वाला है!


यदि आप चाहें, तो मैं इस संदेश को PDF, भाषण पांडुलिपि, या भक्ति पुस्तिका के रूप में भी तैयार कर सकता हूँ।

अंधकार के खज़ाने क्या हैं?
(यशायाह 45:3)

परिचय:
यशायाह 45:3 में परमेश्वर भविष्यद्वक्ता यशायाह के माध्यम से फारस के राजा कूरूस से कहते हैं:

“मैं तुझे अंधकार में छिपे हुए खजाने और गुप्त स्थानों के छिपे हुए धन दूँगा, ताकि तू जान ले कि मैं यहोवा हूँ, जो तुझे तेरे नाम से बुलाता हूँ, और मैं इस्राएल का परमेश्वर हूँ।”
(यशायाह 45:3 – ERV-HI)

यह प्रतिज्ञा मूल रूप से एक मूर्तिपूजक राजा, कूरूस, के लिए थी जिसे परमेश्वर ने बाबुल की बंधुआई से इस्राएल को छुड़ाने के लिए अभिषिक्त किया था। लेकिन जैसे कि पुराने नियम की कई बातें आज भी आत्मिक रूप से लागू होती हैं, वैसे ही यह पद आज विश्वासियों के लिए भी एक सिद्धांत है: परमेश्वर छिपी हुई आशीषों, अवसरों और उन लोगों को उजागर कर सकता है जिन्हें शत्रु ने छिपा लिया है, रोक दिया है या बाँधकर रखा है।


“अंधकार के खज़ाने” का अर्थ क्या है?
बाइबल के अनुसार, “अंधकार के खज़ाने” से तात्पर्य है:

  • ऐसी आत्मिक, शारीरिक या भौतिक संपत्तियाँ जो छिपी हुई हैं।
  • वे आशीषें जिन्हें आत्मिक विरोध के कारण रोका गया है।
  • परमेश्वर की गुप्त बुद्धि और रणनीतियाँ जो突破 (ब्रेकथ्रू) लाती हैं।
  • वह बहाली जो शत्रु ने हमसे चुरा ली थी (योएल 2:25-26 देखें)।

ये केवल भौतिक लाभ नहीं हैं, बल्कि उद्धार, अवसर, संबंध, सेवकाई और आत्मिक समझ जैसी बातें भी शामिल हैं।

यशायाह 45:3 रूपक रूप में दिखाता है कि कैसे परमेश्वर अज्ञात और छिपी हुई बातों को प्रकाश में लाता है—और अक्सर ऐसे मार्गों से जो हम सोच भी नहीं सकते। परमेश्वर ने कूरूस को बाबुल के छिपे हुए खज़ानों तक पहुँच दी, ताकि उसकी प्रभुता प्रकट हो। उसी तरह, परमेश्वर अपने लोगों के लिए छिपी हुई आशीषों को प्रकट कर सकता है।


बाइबल का उदाहरण: घेराव और लूट (2 राजा 7)
2 राजा 6–7 में इस्राएल अरामी सेना द्वारा घेर लिया गया था। अकाल इतना भीषण था कि लोग गधे के सिर और कबूतर की बीट खाने को मजबूर थे (2 राजा 6:25)। नगर पूरी तरह घिरा हुआ था और कोई आपूर्ति नहीं पहुँच रही थी।

परंतु 2 राजा 7 में परमेश्वर ने अद्भुत रीति से हस्तक्षेप किया। उसने अरामी सेना को एक विशाल सेना की आवाज़ सुनाई, जिससे वे डरकर भाग गए और अपने सारे सामान वहीं छोड़ गए:

“क्योंकि यहोवा ने अरामी सेना को रथों, घोड़ों और एक बड़े दल की आवाज़ सुनाई थी। उन्होंने आपस में कहा, ‘देखो, इस्राएल के राजा ने हमारे विरुद्ध हित्तियों और मिस्रियों के राजाओं को किराए पर बुला लिया है।’”
(2 राजा 7:6 – ERV-HI)

चार कोढ़ी उस छोड़ दिए गए शिविर में पहुँचे और लूटपाट शुरू की। अंततः पूरा नगर भुखमरी से बच गया।

यह चमत्कार एक भविष्यवाणीपूर्ण छाया है कि परमेश्वर कैसे हमारे शत्रुओं को वह छोड़ने के लिए बाध्य कर सकता है जो उन्होंने गलत तरीके से पकड़ रखा है—और कैसे परमेश्वर अचानक हमारे पक्ष में परिस्थिति बदल सकता है। जो खज़ाने अंधकार में छिपे थे, वे अचानक परमेश्वर की प्रजा के लिए उपलब्ध हो गए।


आज के विश्वासियों के लिए क्या अर्थ है?
आज किसी विश्वासी के जीवन में अंधकार के खज़ाने इस प्रकार हो सकते हैं:

  • एक बुलाहट या आत्मिक वरदान जो भय या दबाव के नीचे दब गया है।
  • कोई प्रियजन जो पाप या धोखे की जंजीरों में बंधा हुआ है।
  • आर्थिक प्रावधान, चंगाई या बहाली जिसे शत्रु ने रोक रखा है।
  • सेवकाई में फल या जागृति जिसकी प्रतीक्षा लम्बे समय से है।

आत्मिक युद्ध और हमारी भूमिका
जो छिपा हुआ है, उसे पुनः प्राप्त करने के लिए हमें आत्मिक युद्ध करना पड़ता है—शारीरिक हथियारों से नहीं, बल्कि आत्मिक अस्त्रों से:

“क्योंकि हमारे युद्ध के हथियार शारीरिक नहीं हैं, परन्तु परमेश्वर के द्वारा शक्तिशाली हैं, गढ़ों को ढा देने के लिए। हम कल्पनाओं को और हर एक ऊँचे विचार को जो परमेश्वर की पहचान के विरुद्ध उठता है, गिरा देते हैं, और हर एक विचार को बन्दी बनाकर मसीह की आज्ञा के अधीन कर देते हैं।”
(2 कुरिन्थियों 10:4-5 – ERV-HI)

हमें समझना होगा कि कई बार जो आशीषें विलंबित होती हैं, वे आत्मिक विरोध के अधीन होती हैं—जैसे दानिय्येल 10 में हुआ, जहाँ उसकी प्रार्थना को एक दुष्ट आत्मिक प्रधान ने देर करवा दी।


परमेश्वर की संपूर्ण हथियारबंदी (इफिसियों 6:10–18)
हमें इस आत्मिक युद्ध में विजय पाने के लिए परमेश्वर की पूरी हथियारबंदी पहननी है:

  • सत्य का कमरबंद – परमेश्वर के वचन को जानना और उस पर चलना।
  • धर्म की झिलम – मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ सही संबंध में रहना।
  • शांति के सुसमाचार के जूते – सुसमाचार को जीवन में जीना और बाँटना।
  • विश्वास की ढाल – शत्रु के तीरों को बुझाने के लिए परमेश्वर पर विश्वास करना।
  • उद्धार का टोप – उद्धार की सुरक्षा और मन की रक्षा।
  • आत्मा की तलवार – परमेश्वर का वचन, जो अधिकार से बोला जाए।
  • प्रार्थना – वह शक्ति जो सभी हथियारों को सक्रिय करती है।

“परमेश्वर की सारी हथियारबंदी पहन लो, ताकि तुम शैतान की चालों के सामने टिके रह सको।”
(इफिसियों 6:11 – ERV-HI)


छिपे हुए खज़ानों को पाना
परमेश्वर ने अपने लोगों के लिए खज़ाने और आशीषें छिपाकर रखी हैं—इसे छिपाकर रखने के लिए नहीं, बल्कि समय आने पर प्रकट करने के लिए। यह हम पर निर्भर है कि हम उन्हें विश्वास, आज्ञाकारिता, प्रार्थना और धैर्य के साथ प्राप्त करें।

जैसे इस्राएलियों ने अरामी सेना की लूट को प्राप्त किया, वैसे ही हम भी आत्मिक रूप से जो हमारा है, उसे मसीह में ग्रहण करें।

“मैं तुम्हारे उन वर्षों की भरपाई करूंगा जिन्हें टिड्डियों ने खा लिया… तब तुम बहुतायत में खाओगे और तृप्त होओगे, और अपने परमेश्वर यहोवा के नाम की स्तुति करोगे।”
(योएल 2:25-26 – ERV-HI)

आइए हम साहसपूर्वक आगे बढ़ें और उन सब बातों को प्राप्त करें जो परमेश्वर ने हमारे लिए तैयार की हैं—यह जानकर कि जो आज छिपा हुआ है, वह कल प्रकट हो सकता है—उसकी सामर्थ्य और उसकी महिमा के लिए।

मरानाथा – हमारा प्रभु आने वाला है!


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Rehema Jonathan editor

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