नीतिवचन 19:14 “घर और धन तो पिताओं से मिलते हैं,परन्तु बुद्धिमती पत्नी यहोवा की ओर से होती है।”(नीतिवचन 19:14 — पवित्र बाइबल: हिंदी ओ.वी.) उत्तर:यह पद हमारे जीवन में आशीषों के स्रोत के बारे में एक गहरी आत्मिक सच्चाई को उजागर करता है। भौतिक वस्तुएँ—जैसे घर, धन, या सामाजिक प्रतिष्ठा—परिवार से विरासत में मिल सकती हैं, लेकिन कुछ आशीषें, विशेषकर संबंधों और आत्मिक जीवन से जुड़ी हुई, सीधे परमेश्वर की ओर से आती हैं। एक बुद्धिमान पत्नी वह नहीं है जिसे कोई कमा ले, खरीद ले या विरासत में पाए। वह परमेश्वर की इच्छा से मिला एक विशेष वरदान है। बाइबल हमें यह सिखाती है कि परमेश्वर ही हर अच्छी और सिद्ध वस्तु का देनेवाला है: “हर एक अच्छी भेंट, और हर एक सिद्ध वर ऊपर से है,और ज्योतियों के पिता की ओर से मिलता है।”(याकूब 1:17 — ERV-HI) यहाँ पर “बुद्धिमान पत्नी” केवल जीवन-साथी नहीं, बल्कि विवाह में परमेश्वर की दी हुई समझ, चरित्र और सद्गुणों का प्रतीक है। बुद्धिमान पत्नी कौन है?नीतिवचन 31:10-31 में वर्णित स्त्री को अक्सर एक आदर्श और धर्मी पत्नी माना जाता है। उसकी विशेषताएँ हैं: यहोवा का भय: “कृपा छलना है और सुन्दरता व्यर्थ है,परन्तु जो स्त्री यहोवा का भय मानती है वही प्रशंसा के योग्य है।”(नीतिवचन 31:30 — पवित्र बाइबल: हिंदी ओ.वी.) दया और उदारता: वह गरीबों और जरूरतमंदों की चिंता करती है। परिश्रम और निष्ठा: वह अपने घर का भली-भाँति संचालन करती है और अपने पति की सहायक होती है। 1 पतरस 3:1-6 में प्रेरित पतरस पत्नियों को नम्र और आदरपूर्ण जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं: “ताकि यदि उन में से कितने वचन को न मानते हों, तो तुम्हारे पवित्र और भयानक चाल-चलन को देखकर बिना वचन के ही जीत लिए जाएँ।”(1 पतरस 3:1 — ERV-HI) बुद्धिमान पत्नी कैसे पाएँ?एक समझदार जीवन-साथी को ढूंढ़ने का उद्देश्य कभी भी केवल धन, रूप या स्थिति पर आधारित नहीं होना चाहिए। इसके बजाय, यह परमेश्वर की अगुवाई को प्रार्थना और विश्वास के द्वारा ढूँढने की बात है। “यदि तुम में से किसी को बुद्धि की घटी हो तो परमेश्वर से माँगे,जो सब को उदारता से देता है और उलाहना नहीं देता,और उसे दी जाएगी।”(याकूब 1:5 — ERV-HI) जब हम पहले परमेश्वर को खोजते हैं, तो वह उचित समय पर उचित व्यक्ति को हमारे जीवन में लाता है। पति के लिए भी यही आत्मिक सिद्धांत लागू होता है:एक बुद्धिमान पति वही है जो परमेश्वर का भय मानता है, अपनी पत्नी से आत्म-त्यागी प्रेम करता है, और अपने परिवार का नेतृत्व परमेश्वर की योजना के अनुसार करता है। “हे पतियों, अपनी पत्नियों से प्रेम रखो,जैसा मसीह ने भी कलीसिया से प्रेम करके अपने आप को उसके लिये दे दिया।”(इफिसियों 5:25 — ERV-HI) विवाह में सच्ची बुद्धि परमेश्वर के अधीन जीवन से उत्पन्न होती है। निष्कर्ष:विवाह एक दिव्य वरदान और बुलाहट है। एक बुद्धिमान पत्नी या पति केवल परमेश्वर की अनुग्रह और आशीष से ही पाया जा सकता है। इसलिए विवाह से संबंधित निर्णय लेने से पहले प्रार्थना और परमेश्वर की बुद्धि पर भरोसा करना अत्यावश्यक है। शालोम।